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लेखनी कहानी - स्वर्ग और नरक - डरावनी कहानियाँ

स्वर्ग और नरक - डरावनी कहानियाँ

 हिंदू धर्म ग्रंथों में लिखी अनेक कथाओं में स्वर्ग और नरक के बारे में बताया गया है। पुराणों के अनुसार स्वर्ग वह स्थान होता है जहां देवता रहते हैं और अच्छे कर्म करने वाले इंसान की आत्मा को भी वहां स्थान मिलता है, इसके विपरीत बुरे काम करने वाले लोगों को नरक भेजा जाता है जहां उन्हें सजा के तौर पर गर्म तेल में तला जाता है और अंगारों पर सुलाया जाता है। गरूड़ पुराण में स्वर्ग और नरक के बारे में विस्तार से वर्णन मिलता है। गरूड़ पुराण में नरक का तथा वहां दी जाने वाली सजा का इतना वीभत्स रूप बताया गया है जिसे सुनकर किसी भी इंसान की रूह तक कांप जाए। साथ ही गरूड़ पुराण में उन कामों के बारे में भी बताया गया है जिन्हें करने से इंसान को स्वर्ग या नरक में जाना पड़ता है। आज हम आपको उन्हीं कर्मों के बारे में संक्षिप्त रूप में बता रहे हैं।


► आत्महत्या, स्त्री हत्या, गर्भ हत्या, ब्रह्म हत्या, गौ हत्या करने वाला, झूठी गवाही देने वाला, कन्या को बेचने वाला, झूठ बोलने वाला, ब्राह्मण होकर शराब व मांस का सेवन करने वाला, ब्राह्मण की जीविका नष्ट करने वाला और दूसरों की संपत्ति का हरण करने वाला, ये सभी नरक को ही प्राप्त होते हैं।


► होम, जप, स्नान और देवताओं के पूजन में जो सदैव लगे रहते हैं, ऐसे लोग स्वर्ग में जाते हैं। जो लोग शत्रुओं के भी दोष कभी नहीं कहते, किंतु उनके गुणों का ही वर्णन करते हैं, ऐसे लोग स्वर्ग में जाते हैं।


► गरुड़ पुराण के अनुसार जो लोग भगवान शिव और विष्णु का चिंतन नहीं करते, उन्हें नरक में जाना पड़ता है। जो कुएं, तालाब, प्याऊ और मार्ग आदि को हानि पहुंचाते हैं, ऐसे दुष्ट नरक में जाते हैं।


► सत्य, तपस्या, क्षमा, दान और वेदशास्त्रों के स्वाध्याय द्वारा जो धर्म का अनुष्ठान करते हैं, वे स्वर्ग में जाते हैं। कुआं, बावली, तालाब, प्याऊ, आश्रम और देव मंदिर का निर्माण करवाते हैं, वे लोग स्वर्ग में जाते हैं।


► ऋषियों, सतियों और वेदों की निंदा करने वाले लोग सदैव नरक में ही जाते हैं। भूख-प्यास से थककर जो भिखारी किसी के घर जाता हो और उसे वहां से अपमानित होकर लौटना पड़े, तो ऐसे याजक का अपमान करने वाले नरक में जाते हैं।


► एकांत स्थान में मिली हुई परस्त्री को देखकर भी जिनके मन में कामवासना का आगमन नहीं होता और वे पुरुष उस स्त्री को अपनी माता बहन व पुत्री के रूप में देखते हैं, ऐसे लोग स्वर्ग में जाते हैं।


► जो अपनी पत्नी, बच्चों, नौकरों और मेहमानों को खिलाए बिना ही खाते हैं और पितरों तथा देवताओं की पूजा छोड़ देते हैं, ऐसे लोग नरक में जाते हैं।


► जो प्राणी मात्र पर दया रखते हैं तथा जिन पर सभी प्राणी विश्वास करते हैं और जिन्होंने हिंसा त्याग दी है, ऐसे उत्तम आचार वाले मनुष्य ही स्वर्ग में जाते हैं।


► जो शराब, मांस, गीत, जुआं आदि व्यसनों में ही दिन-रात लगे रहते हैं, ऐसे लोगों को नरक ही प्राप्त होता है।


► जो परधन में कभी ममत्व नहीं रखते और धर्म से प्राप्त धन के उपयोग कर जीविका चलाते हैं, वे स्वर्ग को ही प्राप्त करते हैं।


► दूसरों का धन हड़पने वाले, दूसरों के गुणों में दोष देखने वाले तथा दूसरों से ईष्र्या करने वाले नरक में जाते हैं।


► जो अनाथ, गरीब, रोगी, बुढ़े और दयनीय लोगों पर दया नहीं करता, वह नरक में जाता है।


► घर, अन्न और रस आदि को जो स्वयं उत्पन्न कर दान करते हैं, ऐसे लोग स्वर्ग में जाते हैं तथा सोना, गाय, भूमि, अन्न और वस्त्र का दान करने वाले भी स्वर्ग को प्राप्त होते हैं।


► जो लोग मन और इन्द्रियों का नियमन करने में लगे रहते हैं तथा शोक, भय एवं क्रोध से रहित हैं वे स्वर्ग में जाते हैं। जो लोग परस्त्रियों को माता, बहन और पुत्री के समान देखते हैं, वह स्वर्ग में जाते हैं।


► जो मन, वचन, कर्म से किसी को कष्ट नहीं देते और सर्वथा सभी के लिए शुद्ध भाव रखते हैं, ऐसे लोग स्वर्ग में जाते हैं।

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